मेरे कान्हा!

आप सभी को और मेरे कान्हा को जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई!

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Shilpi Goel
Shilpi Goel 30 Aug, 2021 | 1 min read

तेरे चेहरे के सिवा नजर, कोई चेहरा मुझको आता नहीं।

मेरी यादों पर तेरा पहरा, कोई मुझको अब भाता नहीं।।


जब से होश सम्भाला मैंने कान्हा।

तुझसे जुदा मैंने खुद को पाया नहीं।।


दीवानी हूँ मैं तेरी इस कदर कान्हा।

याद मुझको कुछ तेरे सिवा रहता नहीं।।


हर संगीत का रस फीका लगता मुझको।

तेरे भजनों का रस कहीं आता नहीं।।


तेरे भजनों से सजती हर शाम मेरी।

तेरे नाम बिना होता मेरा समां सुहाना नहीं।।


जले चाहे सारा जमाना मेरे कान्हा।

किया जो वादा तूने मुझसे तोड़ना नहीं।।


अरदास करूँ, पुकारूँ तुझको मेरे कान्हा।

अपनी 'शिल्पी' से अब मुँह मोड़ना नहीं।।

✍शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)

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