Shilpi Goel
16 Apr, 2021
एहसास
नहीं चाहिए मुझे मुट्ठी भर जमीं तुम्हारी,
मेरे लिए तो मेरे स्वप्नों का आकाश बहुत है।
चाहे उड़ ना सकूं मैं कभी परिंदों जैसे,
मेरे लिए तो पंखों के होने का एहसास बहुत है।।
Paperwiff
by shilpi goel
16 Apr, 2021
#एहसास #microfablescontest
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