Shilpi Goel
Shilpi Goel 28 Jul, 2022
सन्तुष्य
उफ्फ़, यह रश्क तेरा अक्षम नहीं होने देता मुझे.... कैसी जिद्द लगी है जीने की कमबख्त़, मौत का ज़हर पीने नहीं देता मुझे.... तेरे सिफ़र से किस्से-कहानियों में मेरे होने का जिक्र, तुझसे क्षुब्ध नहीं होने देता मुझे.... माना किसी के सूने गलियारे को फिर से सन्तुष्य करने की कला नहीं है मुझमें, पर यह तितलियों सा मन रंगों से वीरान नहीं होने देता मुझे!!!!

Paperwiff

by shilpi goel

28 Jul, 2022

तितलियाँ

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