Shilpi Goel
22 Feb, 2022
मन का पंछी
हर तरफ है उजियारा,
मन में अथाह अंधेरा है।
ऊँची डाल पर बैठा पंछी,
मेरे मन की तरह अकेला है।
आओ तुम-हम मिलकर यह अकेलापन बाँट लें........
या तो मुझको ले चल उस डाल पर,
या मेरे मन के अंधियारे की तू थाह ले।।
Paperwiff
by shilpi goel
22 Feb, 2022
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