Shilpi Goel
12 Oct, 2022
एक झलक चाँद की
उम्मीद से भरी है....
समझता है वो जिसके नैनों ने अभी-अभी
उजियारे का स्वाद चखा है।
वरना,
दुनिया कहती है चाँद हर रोज़ निकलता है।
क्यों भूल जाते हैं कि चाँद ही....
चीर कर निशा को,
सिर्फ राह में ही नहीं
मन में भी उम्मीद की नयी रोशनी जगा देता है।
Paperwiff
by shilpi goel
12 Oct, 2022
उम्मीद
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.