Shilpi Goel
Shilpi Goel 28 Feb, 2021
स्त्री
शायर की शायरी हूँ कभी तो कभी कवि की कविता, शान्त हूँ सागर सी कभी तो कभी उद्दण्ड हूँ लहरों सी, हाँ एक स्त्री हूँ मैं, इन्द्रधनुष के सभी रंगों को खुद में समेटे हुए।

Paperwiff

by shilpi goel

28 Feb, 2021

#दिलसे #1000poems

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