Shilpi Goel
07 Sep, 2022
चल चलें कहीं दूर....
...जहाँ मुस्कुराहट और दर्द का मिला-जुला सा एहसास हो,
दूर दिखाई देता क्षितिज......लगता नयनों के पास हो।
बेशक कुछ देर को ही सही, मिल जाए तेरी-मेरी हस्तरेखा,
कहलाता सात जन्मों का बंधन किंतु अगला जन्म किसने देखा।
जीवन है दूजा नाम मुस्कान और दर्द के संगम का,
चलना होगा एक-दूजे के संग हाथ थाम कर धैर्य का।
चंचला मन कहाँ कभी एक जगह ठहरा है,
जो मन को भा गया बस वहीं पर इसका बसेरा है।
Paperwiff
by shilpi goel
07 Sep, 2022
संगम
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