Shilpi Goel
Shilpi Goel 20 Jul, 2022
एहसान
नादान जानकर ठुकरा दिया था जिसे, उसकी मोहब्बत का हमको अंदाजा ना था। उसकी दुआओं में असर रब की मेहर सा था, वो कोई रहस्यमयी खजाना सा था। ना हम समझ सके, ना वो हाल-ए-दिल बयां कर सका, क्यों इतना चुप चुप सबसे बेगाना सा था। बना गया अपनी दुआओं का कर्जदार ऐसे, चला गया छुड़ाकर हाथ बहुत दूर हमसे। चाह कर भी रोक ना पाए हम, कुछ इस तरह, उसके कीमती एहसान को चुकाना जो था।

Paperwiff

by shilpi goel

20 Jul, 2022

कीमती

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.