Shilpi Goel
06 Dec, 2022
लम्हा....
फुर्सत का चाहा था शिद्दत से अपने लिए,
मिला बड़ी मुद्दत बाद....
किंतु तुम्हारी यादों ने अपने नाम कर लिया
और स्वयं को उस लम्हे में ढूँढते रह गए हम।
फिर हमारी उनींदी पलकों ने हमसे कहा, लम्हा....फुर्सत का तुझे अभी जीना बाकि है,
यादें तो कर दी तमाम किसी के नाम तूने परंतु तेरा स्वयं से मिलना अभी बाकि है।
Paperwiff
by shilpi goel
06 Dec, 2022
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