Shilpi Goel
Shilpi Goel 17 Aug, 2022
आज़ादी
मत करो कैद पिंजरे में पंछियों को, इन्हें भी आज़ाद उड़ान भरने का हक है। कहने को स्वच्छंद हैं इस जहाँ में सब, फिर क्यों, आज़ादी हासिल करने को सब बेबस हैं। अभिलाषा से कार्य करना आज़ाद होना नहीं कहलाता...... आज़ाद मनुष्य कहलाता तब, जब मन से विकृत सोच का पहरा हट जाता।

Paperwiff

by shilpi goel

17 Aug, 2022

freedom

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