पीहू एक चुलबुली सी लड़की अपनी दुनिया में मस्त रहने वाली थी,जो अपने छोटे से परिवार के साथ अपने विद्यालय के पास ही किराए के कमरे में अपने घर से दूर रहती थी। उसके जिन्दगी का बस एक ही मकसद था जिन्दगी में ऊंचे मुकाम हासिल करना, एक ऐसा मुकाम जहां पहुंचने का सपना हर मध्यम वर्गीय परिवार देखता था।
मगर किस्मत कब कौन सा मोड़ लाए किसे पता होता है, उसके साथ भी यही हुआ ।
यूं तो पीहू बिंदास बेपरवाह किसम की लड़की थी सरल शब्दों में कहें तो पूरा आचरण ही उसका लड़को वाला था।
वो भले ही अपने घर से दूर किराए के मकान में रहती थी मगर वो भी एक गाव ही था ,और पीहू का पहनावा किसी शहर की लड़की जैसे, पीहू को उसके घर वाले कभी उसके कपड़े के लिए रोकते टोकते नहीं थे ,लेकिन वहां के लोगों को पीहू का पहनावा बहुत खटकता था ।
धीरे धीरे वक्त बिता और पीहू 10वी में आ गई और यही इसकी मुलाकात हुई उसके ही साथ पढ़ने वाले अनय से, अनय एक बेफिक्र मनचला लड़का उसे ना तो पढ़ाई में दिलचस्पी थी ना ही पढ़ने वालों में ... लेकिन न जाने क्यूं अनय का दिल पीहू को देख कर रुक सा गया।
वह अब हर रोज पीहू से बाते करने के बहाने ढूंढता रहता , कभी नोट्स कभी किताबें तो कभी कोई प्रोजेक्ट के सिलसिले में पीहू से बात कर ही लेता था और अब धीरे धीरे पिहु और अनय में दोस्ती भी हो गई। पीहू उसे सही मार्ग पर लाना चाहती थी मगर अनय को कब पीहू से प्यार हो गया उसे पता भी ना चला।
मगर उसने पीहू से कुछ ना कहां क्युकी उसे पता था कि पीहू उसे बस अपना अच्छा दोस्त समझती हैं और वह भी जल्द बाजी करके पीहू को खोना नहीं चाहता था।
दोनों ने 10वी में अच्छे अंक हासिल किए और अब दोनों 12वी के लिए मेहनत करनी शुरू कर दिए थे ।पीहू के साथ रहते रहते अनय भी पढ़ने लगा था, मगर फिर भी अनय हमेशा पीहू से अपने दिल की बात कहना चाहता था इसलिए एक दिन उसने अपने इस्क का इजहार कर ही दिया ।
पीहू ने उसका दिया हुआ पत्र पढ़ा और ख़ामोश हो गई ,पीहू के पास उसके सवाल का कोई जवाब नहीं था ना ही वो अनय से उस तरह का प्यार करती थी ना ही उसे खोना चाहती थी।
मगर ये सब बातें कहां छुपती है पूरे स्कूल कोचिंग में दोनों की कहानी आग की तरह फ़ैल गई, पीहू का जीना मुश्किल सा होने लगा था ,हर जगह उन दोनों के रिश्ते को गलत ढंग से समझा जाने लगा।
फिर एक दिन अनय से कुछ ऐसा किया जिससे लोगों ने बाते करनी तो बन्द कर दी मगर पीहू को बहुत चोट पहुंचा, क्युकी अनय ने स्कूल के बालसभा में पीहू को एक भेदभाव करने वाली और छोटी सोच वाली लडकी साबित कर दिया।
अनय कुछ ऐसा कर सकता है पीहू को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था,पीहू के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे उसने उसी दिन अनय से सारे रिश्ते तोड़ दिया, उनकी दो साल की दोस्ती को ख़तम कर दिया।
दोनों 12वी की परीक्षा में भी अच्छे अंक हासिल किए और पीहू ने इतने दिनों में एक बार भी अनय से बात नहीं की ना ही उसे कभी मुड़ के देखा।
वो अपने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर चली गई और अनय को हमेशा हमेशा के लिए खुद से दूर कर दिया।मगर किस्मत को ये भी मंजूर ना था कॉलेज के एक साल बाद अनय ने पीहू की सहेली का नंबर कहीं से ढूंढ निकाला और उससे हज़ारों मिन्नते की और महीनों बाद पीहू और उसकी बात उसके सहेली की मदद से हुई ।
पीहू ने बड़े ही साफ शब्दों में अनय से बोल दिया मैंने तुम्हे तुम्हारी उस गलती के लिए कब का माफ कर दिया है। मैं उस बात को कब का भूल चुकी हूं बेहतर होगा कि तुम भी भूल जाओ और इतना कहकर पीहू ने दोबारा फोन ना करने की हिदायत देते हुए फोन रख दिया।
मगर अनय आज भी पीहू से बेइंतहा मोहब्बत करता था वो इस बार अपनी जिंदगी को अपनी जिंदगी से जाने नहीं देना चाहता था इसलिए उसने फिर से बहाने ढूंढ़े और पीहू से बाते शुरू की .... धीरे धीरे अनय ने पीहू को ये भरोसा दिला दिया कि उसे सिर्फ और सिर्फ पीहू से प्यार है वो भी हद से ज्यादा।
पीहू को भी अब अनय से प्यार होने लगा था दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे थे और क्रिसमस के दिन ही पीहू को उसका संता 🎅 मिला और दोनों ने एक साथ जीवन बिताने की कसमें खाई।।
Composed by... Shilpa Singh Maunsh
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