Shilpa Singh Maunsh
31 Jan, 2021
किसान अन्नदाता है
लाचार हूं तो तलवार भी उठाऊंगा,
किया है पालन पोषण तो भक्षण भी कर जाऊंगा,
अन्नदाता बस नाम का हूं न मैं तो अब अन्न मैं भी नहीं उगाऊंगा,
बहाता हूं जो खून पसीना खेतों में अब वो सड़को पर भी बहाऊंगा,
फैला दो आग जितनी तुम फैला सकते हो मगर ना हारा हूं कभी ना यहां से ख़ाली हाथ लौट के जाऊंगा।।
Shilpa Singh Maunsh
Paperwiff
by shilpasinghmaunsh
31 Jan, 2021
थका हूं जरूर मगर हार नहीं मानी है।।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.