Shilpa Singh Maunsh
19 Oct, 2020
पहचान
मेरी उम्मीदों का सिलसिला कुछ इस कदर शुरू हुआ,
बुझती हुई चिंगारी से मुझे हौसलों का पंख मिला,
फिर उड़ गई आसमान में जितनी मुझमें जान थी,
आज कल्पनाओं को मेरी मिली उनकी असली पहचान थी।
Paperwiff
by shilpasinghmaunsh
19 Oct, 2020
उम्मीद की एक किरण ,कल्पनाओं को पंख
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