Shikhar Pandey
Shikhar Pandey 01 Jun, 2024
मानवता
बदलाव हुआ कुछ ऐसा भी इंसान स्वयं से दूर हुआ भगवान् खुदही को कहता है ऐसा क्या मद में चूर हुआ मिटटी से आये हो कलको मिटटी में ही मिल जाना है जीवन तो भव की कस्ती है जिसको तो बहते जाना है

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by shikharpandey

01 Jun, 2024

मानवता

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