आज मुझे कॉलेज जाने की बड़ी जल्दी हो रही थी और ये बात मेरी बड़ी दी नेहा से हजम न हो रही थी।कॉलेज न जाने के दस बहाने ढूंढने वाला राज यानि कि मै फटाफट नाश्ता किए बिना भाग रहा था तो जरूर कुछ तो बात होगी।
दीदी ने मुझे पास बुलाकर धीरे से पूछा आखिर बात क्या है छुटके?
मैं शर्म से लाल हो रहा था ।वहां रुकना मेरे लिए मुमकिन न था तो मैं जल्दी से दीदी का हाथ छुड़ाकर भाग निकला।
पहले ही बहुत देर हो चुकी है कहीं वो निकल न गई हो।बाइक की रफ्तार तेज होने के साथ साथ दिल के धड़कन की भी रफ्तार कम न हो रही थी।हवा के साथ बातें करते हुए मैं उसके गेट के थोड़ी दूरी पर रुक गया।
वो अपने घर से निकल न गई हो....ये सोचकर मैं मन ही मन घबरा ही रहा था कि वो अपने घर से निकलते हुए दिखी.....................मैंने भी आज अपना मन बना लिया था कि उससे अपने दिल की बात करके ही रहूंगा।
क्रमशः........
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.