जाने क्या दिल में दबाए बैठे हैं

ग़ज़ल

Originally published in hi
Reactions 0
482
Shikha Pandey
Shikha Pandey 11 May, 2020 | 1 min read

जाने क्या दिल में दबाए बैठे हैं

------------------------------------------------------

देखकर मुझको वो मुस्कुराए बैठे हैं

जाने क्या दिल में दबाए बैठे हैं


मेरे दिल के हजार टुकडों से

फिर वही दिल लगाए बैठे हैं


इन आंखों का दरिया भी सूख गया

वो साहिल को दे दुआए बैठे हैं


इश्क ए मंजिल की तलाश किसे है

वो तो सफ़र में थकाए बैठे हैं


वो मिटाना चाहे गर तो नहीं है डर

हम तो खुदा के बनाए बैठे हैं


अपने आंखों के हसीन ख्वाबों को

हम तो कब से भुलाए बैठे हैं


उनके हर ग़म को सीने में दबाया

वो मुझे दिल में छुपाए बैठे हैं


है कसम तुझको यूं बेकरार न कर

कब से दिल को मनाए बैठे हैं


लगता है डर कि ये दिल टूटे न फिर

वो इश्क ए महफ़िल सजाए बैठे हैं


इक तरफ जहां है इक तरफ है खुदा

और हम दिल जलाए बैठे हैं


शिखा पांडेय

0 likes

Published By

Shikha Pandey

shikhaf8e9

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.