पुरानी बात

Reopening old dairy or reopening emotions

Originally published in hi
Reactions 1
583
Shelly Gupta
Shelly Gupta 30 Jun, 2020 | 0 mins read
#oldmemories



ढूंढ कर पुराने सामान में

निकाल ली एक पुरानी डायरी

याद था मुझको अच्छी तरह से

थी उसमें एक रेसिपी मेरी


पर खोलते ही डायरी

नीचे गिर गए कुछ सूखे फूल

और याद दिला गए वो पल

जिन्हें शायद मैं गई थी भूल


चंद पुर्जे भी निकले

यूं ही कुछ लिखे हुए

वो बातें अक्सर हम जो करते

सबमें मिले फिर भी छुपे हुए


एक चॉकलेट का रैपर भी था

तुमने दिया था मुझे कभी

दिन तो शायद याद नहीं

पर यादें अब भी समेटे सभी


हर लम्हा संजोंकर रखा था

तुमसे जुड़ी हुई हर याद

सोचा था साथ मिलेंगे जब भी

दोहरा लेंगे हर पुरानी बात


कहां मालूम था कि बिछुड़ेंगे जो

तो फिर ना मिल पाएंगे

याद तो आओगे हमेशा

पर यादें बन कर ही रह जाओगे


पोंछ के अपनी आंखें

सहेज के रख दी सब यादें

भूल गई वो रेसिपी भी लेना

याद रही बस अब पिछली बातें



इसलिए ही शायद कभी

डायरी में संजोए थे ये पल सभी

अब बस इन्हीं का साथ है

बाकी सब गुजरी हुई पुरानी बात है


शैली गुप्ता

1 likes

Published By

Shelly Gupta

shelly

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sushma Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    सच, डायरी की बात तो साथ साथ चलती है याद बन कर, बाकी सब पुरानी बात है

  • Shelly Gupta · 4 years ago last edited 4 years ago

    जी बिल्कुल 😊😊

Please Login or Create a free account to comment.