बैलेंस प्यार का, विश्वास का

Don't neglect your elder one after second baby. He needs more attention now. #ichallengeyou #parenting #2

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Shelly Gupta
Shelly Gupta 13 May, 2020 | 1 min read

लो जी दूसरा नन्हा मेहमान घर आ गया। चारों ओर खुशियां ही खुशियां हैं। बड़ा भाई/ बड़ी बहन के तो पैर ही नहीं रुक रहे खुशी के मारे, बस जब देखो अपने नन्हे के साथ रहना है उसे। उसकी खुशी देख मां पापा भी खुश हैं बहुत। पर ये क्या , अचानक से बड़े को छोटा बुरा लगने लगता है। कल तक जिस पर जान भी न्योछावर थी, आज उसको किसी और को देने की बात कर रहा है वो और हैरान परेशान से माता पिता को समझ नहीं आ रहा कि कहां, क्या गलती हुई जो स्थिति हाथ से निकल गई।

सबसे पहले तो शांत हो जाइए। बात अभी भी हाथ से निकली नहीं है। बड़े बच्चे को आदत थी घर में एकछत्र राज्य की। भोले से मन ने बड़ी खुशी से राज्य को बांटना स्वीकार भी कर लिया था पर शायद हम ही अक्सर भूल जाते हैं कि जो इतना बड़प्पन दिखा रहा है, है तो वो बच्चा ही। दो काम बड़ों के कर भी दिए तो उम्र नहीं बढ़ गई।

दूसरी बात, बड़े बच्चे को आदत है सबके लाड़ दुलार की जबकि छोटे बच्चे को अभी कुछ नहीं पता। आप एक दम से बड़े बच्चे के हिस्से का सारा प्यार छोटे बच्चे को देंगे तो उसे अपना सब कुछ छिनता हुए लगेगा और परेशानी आप को ही होगी। छोटे बच्चे का ध्यान रखते हुए बड़े बच्चे पर भी पूरा ध्यान देना है या सही कहूं तो थोड़ा ज्यादा ध्यान देना है। छोटे वाला तो तो रोकर सबको बता ही देगा पर कहीं बड़ा चुप्पी ना लगा जाए।

कभी कह के तो देखो, " मैं नहीं बनती इस छोटू की मम्मी, बड़ा तंग करता है मुझे।" - ज़ोर से हंसता आपका बड़ा बच्चा आपको समझाएगा छोटू की मम्मी बनने के लिए ।ऐसे ही कुछ छोटे छोटे तरीके और आपका बड़ा बच्चा फिर से खुश। माना थोड़ा मुश्किल है, पर मां को सब आ ही जाता है।

बताइएगा जरूर कि मेरा लेख कैसा लगा।

धन्यवाद

शैली गुप्ता

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Shelly Gupta

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