हर मां की कोशिश होती है अपने बच्चों में अच्छी आदतें विकसित करने की और साथ ही उनमें कुछ शौक यानी हॉबी विकसित करने की भी। मेरी भी हमेशा यही कोशिश रहती है कि बच्चों को कुछ अच्छा सिखा पाऊं।
मुझे पढ़ने का बेहद शौक है और शायद इसलिए यही मेरी बच्चों की भी हॉबी बन गई। आलम ये है कि इसे कंट्रोल करना पड़ता है। पर मेरे हिसाब से ये बेस्ट हॉबी है। जब बच्चे कुछ पढ़ते हैं तो उस हिसाब से अपने मन में वो दृश्य रच लेते हैं और अगर दस बच्चे भी वही किताब पढ़ें तो दस के दस अलग दृश्य ही रचेंगे। इससे उनका मानसिक विकास बहुत अच्छे से होता है और स्वतंत्र सोचने की उनकी आदत भी विकसित होती है।
और मुझे बड़ा अच्छा लगता है, जो सिखाना होता है उसकी किताब ढूंढ लेती हूं। रामायण, जातक कथाएं आदि कितनी किताबें हैं जिन्होंने मेरे बच्चों की ज़िन्दगी रोशन कर रखी है। और इस हॉबी का सबसे ज्यादा फायदा मुझे इन दिनों में मिला जब सबका बाहर जाना बंद हो गया। इन किताबों ने मेरे बच्चों के स्क्रीन टाइम को कंट्रोल में रखा वो भी बग़ैर मेरे ज़ोर दिए।
सच ही कहा है पुस्तकें आपकी सबसे बेहतर साथी हैं। तो आप भी शुरू हो जाएं अपने बच्चों को नए साथी से मिलवाने के लिए और उनकी ज़िन्दगी में नए रंग भरने के लिए।
शैली गुप्ता
बच्चे और किताबें
#IChallengeYou #Parenting #10 Book reading as your child's hobby.
Originally published in hi
Shelly Gupta
19 May, 2020 | 0 mins read
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