"पापा ये सब लोग यहां क्या कर रहे हैं? देखो कितने अजीब से कपड़े भी पहने हुए हैं सबने। सफेद कुर्ते पर ये हरा हरा और ब्राउन सा डिजाइन। क्या डिजाइन है ये पापा? और ये किस भगवान की पूजा कर रहे हैं?, ऑक्सीजन मास्क के पीछे से परिधि की थोड़ी घुटी सी आवाज़ उसके पापा रोहन के कानों में गई।
परिधि की बात सुन रोहन भी रुक कर ध्यान से देखने लगा। पहले तो उसने ध्यान से सबके कपड़ों को देखा। "अरे, ये तो पेड़ हैं", वो बोला।
"पेड़ क्या होता है पापा", परिधि अपने पापा का हाथ हिला कर पूछने लगी।
उसकी बात सुन रोहन को ध्यान आया,"अरे हां, परिधि ने तो पेड़ पौधे कभी देखे ही नहीं। उसके जन्म लेने से बहुत पहले ही मानव ने समूची धरती ही पेड़ पौधों से खाली कर दी थी। बच्चों ने तो जन्म के साथ ही ऑक्सीजन मास्क में आंखें खोली हैं"। रोहन पेड़ पौधों की यादों से दुखी सा हो गया।
तभी परिधि फिर से पूजा की ओर इशारा करने लगी। अब रोहन ने ध्यान से चल रही पूजा को देखा तो उसे समझ आया कि ये लोग शायद पेड़ पौधों को धरती पर वापिस लाने के लिए पूजा कर रहे हैं। अभी वो परिधि को इस बारे में समझा पाता कि इस से पहले ही परिधि का ऑक्सीजन टैंक रिजर्व पर लग गया और उसकी सांस अटकने लगी और रोहन उसे फटाफट टैंक भरवाने ले गया। लेकिन थोड़ी देर हो गई थी और परिधि की सांस थोड़ा ज्यादा अटक रही थी। रोहन डर के मारे ज़ोर से "परिधि" चिल्लाया।
इसी के साथ रोहन की नींद टूट गई। वो एक दम पसीना पसीना था। उसने घबरा कर चारों और परिधि को ढूंढने की कोशिश की तो देखा वो तो अपने कमरे में बिस्तर पर बैठा है। तब उसे याद आता है कि उसकी तो अभी शादी भी नहीं हुई है। वो खुद से बोला,"ओह!कितना भयानक सपना था।"
तभी उसे कल वाली बात याद आई। रोहन ने अभी थोड़े समय पहले ही गांव में कुछ ज़मीन खरीदी थी जो पेड़ों से भरी हुई थी और वो कल उन्हें कटवाने के लिए लोग लेकर गया था और सारे गांव वाले उन पेड़ों के आगे खड़े हो गए थे उसे रोकने के लिए और उसे पेड़ काटने के दुष्परिणाम समझा रहे थे।लेकिन उस कुछ समझ नहीं आया था और वो फिर किसी दिन पेड़ काटने का सोचकर वापिस चला आया था।
जो बात उसे गांव वाले नहीं समझा सके थे वो इस भयानक सपने ने समझा दी थी। अब उसे पेड़ों की अहमियत समझ आ गई थी। उसने मन में निश्चय कि वो अब उन पेड़ों को नहीं काटेगा बल्कि वृक्षारोपण के अभियान भी चलाया करेगा।
धन्यवाद।
शैली गुप्ता
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