उफ़, बड़ा पेचीदा सवाल है ये आज के समय में - एक बच्चा ही ठीक है या उसके साथ के लिए दूसरा करूं? जिस से पूछो उसका अलग जवाब और अगर इस प्रश्न के उत्तर में आपने दूसरा बच्चा करने का निश्चय कर लिया तो अगला बड़ा सवाल - कितना गैप होना चाहिए दोनों बच्चों में ?
है ना बड़ा मुश्किल सवाल। अब जहां तक पहले प्रश्न की बात है तो दूसरे बच्चे का आप तभी सोचिए जब आप को लगे कि आप सक्षम हों - शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तौर से। एक का भी बैलेंस बिगड़ा और गृहस्थी की गाड़ी डगमगाई। सिर्फ पहले बच्चे के साथ के लिए लिया गया फैसला सही नहीं होगा।
और जब आपने फाइनल कर ही लिया दूसरा बच्चा करने का तो अब बारी है दोनों बच्चों के उम्र के फासले को तय करने की। ऐसे तो मातृत्व का सफ़र कभी आसान नहीं होता पर इसमें मिलने वाली खुशी के आगे सब मुश्किलें आसान हो जाती हैं। अगर आप एकल परिवार से हैं तो दोनों बच्चों में इतना गैप तो जरूर रखें कि आपका बड़ा बच्चा खुद को थोड़ा संभालने लायक हो जाए - खाना खुद खा सके, पॉटी ट्रेंड हो, और आपकी थोड़ी सी मदद से अपनी पढ़ाई कर सके और कुछ आपका साथ भी दे सके।
हां, संयुक्त परिवार के केस में कम गैप भी चलेगा पर इतना तो हो कि पहले बच्चे के बचपन को आप पूरी तरह जी सकें।
आप जो भी फैसला लें, दोनों पति पत्नी मिल कर लें। ज़िन्दगी आपकी, तो फैसला भी आपका - ना कि लोगों के दबाव में। याद रखें वो बच्चा सिर्फ आपकी जिम्मेदारी होगा बाकी किसी की नहीं और लोगों का तो काम ही है कहना।
तो ये थी मेरी राय दो बच्चों में कितना उम्र का फासला हो। आपकी राय मुझे जरूर बताइएगा।
धन्यवाद
शैली गुप्ता
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.