बहुत मुश्किल है ये पेरेंटिंग का सफर, जरा सा चूके नहीं कि क्लीन बोल्ड। सारा दिन ध्यान रखते रहो पर फिर भी कुछ ना कुछ इधर उधर हो ही जाता है।
इस सब में अगर कोई चीज मदद करती है तो वो है आपके और आपके बच्चे की बॉन्डिंग। जितनी बॉन्डिंग मजबूत होगी, उतना ही उनके संभलने के चांसेज ज्यादा। अब वक़्त है बच्चों के दोस्त बनने का, उनके मन को समझने का।
आपके बच्चे को आप पर पूरा विश्वास होना चाहिए कि कुछ हुआ तो मम्मी पापा संभाल लेंगे। ये बहुत जरूरी है ताकि कुछ गलती होने पर वो बेझिझक आपको बता सके और अपनी गलती सुधार सकें। दोस्त बनने का मतलब ये नहीं है कि आप उनकी हर गलत बात भी मान रहे हैं या उनके गलत व्यवहार को सहन कर रहे हैं बल्कि दोस्त बनने का मतलब है कि उन्हें गलत सही की पहचान कराने के साथ उनके विश्वास को भी जीता जाए ताकि सबसे पहले वो अपनी बात आपसे ही शेयर करें।
माना मुश्किल है ये पर है बहुत जरूरी भी है और बदलते वक़्त का तकाजा भी।
शैली गुप्ता
अपने बच्चों के दोस्त बने
#IChallengeYou #Parenting #9 Be the best friend of your child.
Originally published in hi
Shelly Gupta
19 May, 2020 | 0 mins read
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