आओ साझा करूं तुम सबसे मेरे देश की कहानी, जो सुना था मैंने अपने दादी और नानी की जुबानी।
एक घर है हिंदुस्तान जहां सबकी मां थी हिन्दी और उर्दू थी मौसी, जहां नेकी और भाईचारे की मिसाल थी इक जैसी।
जहां मंदिर के छत पर दाना चुगकर ,चिड़िया मस्जिद का पानी पीती थी।
जहां शब्बो को होली के गुजिए और सुंदर को ईदी मिलती थी।
कभी कान्हा के भजन गाते रसखान सुनाई देते थे।और राधा रानी की चुनरी में गोटे लगाते
फातिमा बी मिलती थी।
एक थे रफ़ी जो महफ़िलों में रघुपति राघव गाते थे।
एक हुए प्रेमचंद जो बच्चों को ईदगाह सुनाया करते थे।और दुर्गा मां की प्रतिमा में रहमान चाचा जान डालते थे।
कभी गीता पढ़ते अलबेले कलाम दिखाई देते थे ।जहां दिवाली में अली और रमजान में राम बसते थे।
जहां कण कण में हर मन में राम रहते और शाम को अली अली के अजान सुनाई देते थे।
ये मेरे हिंदुस्तान की सच्चाई है जहां हर घर में हैं राम और हर गली में है अली।
अनेकता में एकता इस देश की शान है ,हर मजहब को अपनाकर ये विश्व में सबसे महान ।
ये मेरे हिंदुस्तान की सच्चाई है।
तीन रंगों का तिरंगा मेरा मेरी पहली पहचान है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Superb write-up Shal 😘👌🇮🇳
Bahut badiya
Please Login or Create a free account to comment.