मेरे सपनो की भाषा हिन्दी
अगर तुम ना होती
तो जज्बात ना होते।
महसूस करने के
एहसास ना होते।
दादी नानी कहानयाँ
मजेदार ना होती।
अपनी सी कहानी
कविता ना होती।
गात ना होते
उपन्यास ना होता
पास मेरी आत्मा ना होती।
अगर तुम ना होती...
हिंदी भाषा नहीं
भावों की अभिव्यक्ति है।
इसका ना कोई रंग ना रूप है
यह हमारी पहचान हमारा गर्व है।
कविता है गीत है
सखी सहेली और मीत है
तुलसी कबीर की आराधना है
मीरा रहीम की साधना है।
यह भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,
हिंदी हृदय की भाषा है।
दिल की सारी बातों को यह अच्छे से समझा देती है
भाषा का भाव में परिवर्तन करा देती है।
यहां पर जन्मे नानक और गांधी
इस मिट्टी का मुझको अभिमान है
हिंदी सिर्फ़ भाषा नहीं हिंदी अपने आप में एक पुरी संस्कृति है सबसे प्राचीन सरल ,मीठी और सुंदर बोली है। हिंदी केवल हमारी राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि हमारी विश्व पटल पर पहचान है।
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