हाल के वर्षों में, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, यह पता चला है कि तीन में से हर दो महिलाओं को पिछले वर्ष में दो से पांच बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। महिलाओं पर हुए सर्वेक्षण के अनुसार, यह पाया गया कि महिलाएं पुलिस पर अपना भरोसा खो रही हैं। दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग के एक सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 80% महिलाएं अपनी सुरक्षा से डरती हैं।
महिलाओं को न केवल रात में या रात में, बल्कि घर में दिन के दौरान, कार्यस्थल में या सड़क, क्लब आदि जैसे स्थानों पर परेशान किया जाता है। जांच में पता चला कि यौन उत्पीड़न का कारण लिंग की कमी है। अनुकूल वातावरण और अपर्याप्त कार्यात्मक बुनियादी ढांचे, जैसे कि खुले क्षेत्रों में शराब और नशीली दवाओं का उपयोग, पर्याप्त प्रकाश की कमी, सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय, फुटपाथ, एक प्रभावी पुलिस सेवा की कमी, ठीक से कार्य करने वाली सहायता लाइनों की कमी आदि। बड़ी संख्या में महिलाओं का मानना नहीं है कि पुलिस उत्पीड़न के ऐसे मामलों को रोक सकती है। महिला सुरक्षा की इस समस्या को समझने और हल करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि वे अपने देश में पुरुषों की तरह ही विकसित हो सकें।
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