ऐसे ही इजाज़त सरकार देती रहेगी बाहर जाने की तो कुछ दिन में तो हर मौसम की तरह एक कोरोना मौसम भी होगा ,
उम्मीद है नीचे लिखी बातें कुछ लोगों तक पहुंच पाएं इसीलिए लिख रहा हूं, लाइक, इज्ज़त बहुत मिली बस आप सब दुआओं से बस आप सब तक एक बात उस अंदाज़ में पहोच जाएं ये ख्वाहिश है जो शायद बेहतर समझ आए , क्यों के आसपास मैंने जो सना और देखा है हाल फिलहाल उस तज़र्बे लिख रहा हूं,
"" लोग इतने समझदार होते तो शायद इंदौर और मुंबई के बाद लोग ज़्यादा बीमार ना होते ""
तो लोग क्या कर रहे उससे मतलब ना रखें आप सुरक्षित रहें, लोग भी यही सोच के निकल रहे हैं के वो सब भी निकल रहे हैं,
""बेहतर है कि समझदारी दिखाएं और बेवजह घर से बाहर ना जाएं भले ही किसी के दो दिन के लिए बुरे बन जाए,
""ख़ुद के लिए नहीं तो मुहल्ले और शहर के लिए ही कुछ दिन का सब्र अच्छा है,
तेरे भी बीवी बच्चे मां बाप सभी हैं ज़िम्मेदारी तेरी , अब थोड़ी तू बच्चा है ""
एक अपील एक देशप्रेमी साथ में एक देश में रहने के नाते मान लीजिए बात ये बेटा भाई या कोई अपना समझ के , कुछ दिन घर से ना निकलने से ये तो नहीं होगा के बीमारी ख़तम हो जाए बस ये मुमकिन है कि शायद कम लोगों में ही फैले और उस तेज़ी से असर ना कर पाए ये पैंडेमिक और तब तक ख़ुदा की कुछ रहमत हो और क्या पता दवा बनने कि जो बात आई है सामने वो सच हो जाएं और पहले इसका कुछ हल निकल आए,
"" गलत बयान और फ़ालतू का ज्ञान बांटने से बचें, घर में रहकर ही कोरोना की जंग जीत कर इतिहास रचें
और एक ख़ास बात, क्यों के ये आप सबके फ़ायदे के लिए है,"
"इस लॉकडाउन को ना समझो सरकार का अत्याचार,
अगर ऐसा समझते हो , तो तुम हो दिमाग़ से लाचार,
घर पर रहना है तुम्हारे लिए ही सुरक्षित है यार।
एक लाइन व्यापार का बहाना और नौकरी की बात कर के बाहर जाने वालो के लिए,
क्या तू कर पाएगा नौकरी और संभल पाएगा तेरा घर बार,
अगर तू ही ना ज़िंदा रहा मेरे यार,
खुलेगी सभी वो दुकानें और चलेंगे वैसे ही सब व्यापार,
बस नुकसान होगा तेरा , खो के तुझे तेरा रोएगा तेरा घर परिवार।
काफ़ी चीज़ों को इसमें नहीं कर पाया हूं कवर तो बस जितना लिखा है उस बात को है इशारा समझें और सेफ रहें, ख्याल रखें.
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