सोई इंसानियत और जागता इंसान

People's responsibilities

Originally published in hi
Reactions 1
524
Shah Sabit Ahmad
Shah Sabit Ahmad 04 Jun, 2020 | 1 min read

महान लोगों से एक बात कहूंगा , एक हथनी ने आज जानवरों में इंसानियत जगा दी,बलिदान था भाई ये तो जो हथनी ने दिया हज़ार बार शुक्रिया उसका, यकीन मानो अमेरिका तक के आवाज़ उठा दी हम सब ने प्यारे भारतीयों ने , सोनू सूद के नेक कामों की तारीफों की झड़ी लगा दी चलो बढ़िया साजिद खान से लेके हाल फिलहाल रुखसत हुए सभी लोगों को श्रद्धांजलि तक दे डाली , ओ भाई शुक्रिया सबका, एक बात बताओ क्या शुरुआत है ये जो आज हुआ या बोलने का या लिखने का आज सबका दिल किया एक दम से ? , सुनिये एक बात अगर सही वक़्त पर आवाज़ उठाई होती ना तो आज ये दर्दनाक हादसे और माहौल ऐसा नहीं होता और हथनी भी ज़िंदा होती , शुरुआत सरबजीत और पहलू खान से भी पहले से हुई थी , अमेरिका के लिए उठाई एक इंसान के लिए आवाज़ बहुत अच्छा पर, तब कहां थे सब जब सीरिया और बर्मा में लाखों लोग बच्चों कि लाशों को कफ़न नहीं नसीब हुआ और फिर अभी हाल में साधु तक के मार दिए गए ,क्या लगता है सीरिया, बर्मा , फिलिस्तीन, और हमारे मुल्क में अभी हाल में हुई मज़दूरों की मौतें और कुछ हाल ही में हुए एनआरसी प्रदर्शन में गई जानें उन सबने ख़ुदा से शिक़ायत नहीं की होगी क्या ? अरे यार इंसान से छुपा लोगों सही गलत का हेर फेर पर ख़ुदा की नज़र में तो सही है जो वो सही है और जो गलत है वो ग़लत, यार ये अभी का नहीं है बस ख़ुदा ने तुम्हे एक झोंका दिया है 2020 में कि सुधर जाओ, और महान लोग से उम्मीद है कि इस पोस्ट में भी कुछ ऐसा निकाल ही लेंगे जिससे कुछ विरोध हो सके या इग्नोर करना बेहतर समझेंगे , तो भाई कर लो पर फर्क नहीं बस बात समझो अमल करो , सुधर जाओ चार दिन की दुनियां है यकीन मानो आसार करीब है , दोगलापन त्याग कर एक सुर में बुराई का विरोध करो तो शायद ख़ुदा को पसंद आए नाकी मर्ज़ी का विरोध या समुदाय विशेष को मद्दे नज़र रख के, सही और ग़लत में फैसला करो बिना किसी भेदभाव के नाकि जब आपकी मर्ज़ी हो तो बोल लिए वरना जो हो रहा है होने दो , बातें और भी हैं बस उम्मीद है के आवाज़ हर मुद्दे पर उठेगी , ऐसी ख्वाहिश भी है मेरी के सब एक साथ हर मुद्दे पर हर बुराई के खिलाफ हमेशा एक जुट हो , बुराई के ख़िलाफ़ एक जुठ हो सिर्फ व्यक्ति विशेष या समुदाय विशेष के लिए नहीं सिर्फ़, और इंसान बुरा नहीं होता बस सोच और कर्म उसके बुरा बनाते हैं उसको।

आप सब का ईगो ज़ादा बड़ा है ना मानते हों आप सब पर मैं मानता हूं मैं ग़लत हूं , और मेरी कही बात जो आज मैंने कहीं वो कुछ थोड़ा असर आप पर करे तो वहीं सफलता समझूंगा और गलत लगे तो बस तन्हाई में खुद से सवाल कर लीजिएगा सही गलत में क्या सही था या है , यकीन करें बदलाव आएगा अगर आप सब चाहें वरना तो,"" कोसते रहो साल , कयामत भी करीब है फ़िलहाल ""

साबित... एक सोता हुआ इंसान.




1 likes

Published By

Shah Sabit Ahmad

shahsabitahmad

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.