जल और नारी

नारी महत्व को समझाती रचना

Originally published in hi
Reactions 0
402
Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 05 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Nari



जल जैसी होती है नारी 

निर्मल,पवित्र ,पावन 

जिस रंग में मिलाओ 

उसी की हो जाती है 

हर परिस्थिति में 

अविरल बहती है 

अनेकों रूपों में 

विभाजित रहती है 

कभी भाप 

कभी बर्फ 

कभी बादल

अभिमान मत करना कि 

उसका अपना रंग नहीं कोई

संसार में महत्व नहीं कोई 

जानते हो ना !

जीवनदायिनी है 

उसके अभाव में 

सृष्टि का अस्तित्व नहीं कोई... 

  सीमा शर्मा "सृजिता"


0 likes

Published By

Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.