तुमने छुआ तो कमाल हो गया |
शर्म से चेहरा सुर्ख लाल हो गया ||
तुम्हारी मौहब्बत की सौगात जो मिली
दिल मिरा साहिब मालामाल हो गया ||
आये जो करीब बढी़ दिल की धड़कनें
इश्क में अपना तो बुरा हाल हो गया ||
रोशन है घर मिरा जुगुनु की चमक से
देख लोगों के मन में बबाल हो गया ||
जी न सकेगें हम बिन अब सनम के |
मन में पुख्ता अब ये ख्याल हो गया ||
खुशियों ने सजाया मिरे घर का आंगन |
अपनों के ही मन में मलाल हो गया ||
समझाया तो था हमने दिल को बहुत |
तिरी इक नजर से हलाल हो गया ||
सीमा शर्मा " सृजिता"
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