जिन्दगी

मन के भाव

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 01 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems #life #



कतरा कतरा जहर पिला रही है 

मुझको भी जिन्दगी तु शिव बना रही है 

हंसना मुस्कराना चाहता है दिल म़िरा 

तु है कि हरपल जुल्म ढा रही है |


जागती आंखों में पले स्वप्न अनगिनत 

गवाह हैं ये चांद - तारे और मेरी छत 

पूरे करने की मन में ललक छा रही है 

तु है कि जिन्दगी बडा़ इतरा रही है |


मेरे हौंसलो की तु परीक्षा न ले अब

तेरी मुश्किलों से मुझे डरना नहीं अब 

उम्मीदों की किरण मुस्करा रही है 

तु है कि जिंदगी भाव खा रही है |


खुला आसमान मेरे इन्तजार में बैठा 

भरूं ऊंची उडा़न दिल मुझसे कहता 

मेरे पंखो में इक शक्ति सी आ रही है 

छूना है आसमां मुझको बतला रही है |


कोशिशें जो करे वो सिकन्दर बनेगा 

ना हारेगा ना अपने पथ से डिगेगा 

आहिस्ता आहिस्ता समझा रही है 

 जिन्दगी सबक मुझको सिखा रही है |

-सीमा शर्मा "सृजिता"



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