रिश्तों में टांके

Heart touching words from a Naari mann

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 04 Dec, 2020 | 1 min read

जख्म खाकर भी 

लगाती रहती हूँ 

रिश्तों में टाँके 

प्रेम और अपनत्व 

के रंग बिरंगे धागे 

और विश्वास की सुई पर

चुभ भी जाती है अक्सर 

घायल कर जाती है उंगलियां

दर्द भी होता है बहुत 

जब बार बार चुभती है 

ना हारती हूं, ना थकती हूं 

मुस्कराकर लगाती रहती हूं 

चिथड़े हुये रिश्तों में टांके 

क्योकिं प्यार करती हूँ 

अपने हर रिश्ते से 

बेइंतहा और बेशुमार |

-सीमा शर्मा "सृजिता "

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Seema sharma Srijita

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