वो पुराना बक्सा

दादी की यादें

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 23 Jan, 2021 | 1 min read
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रखा है आज तक उसने 

बडा़ ही सहेजकर 

वो पुराना बक्सा 

जो खरीदा था 

पांच रूपये में 

जब गई थी पहली बार 

हाट बाबा के साथ 

बाबा तो नहीं रहे अब

मगर उनकी यादें रखी हैं 

ताला लगाकर ,संभाल 

खोलती है जब कभी 

होती है उदास 

बैठ अकेले में 

बडी़ बातें बनाती है 

देखा है मैंने उस दिन 

खूब मुस्कराती है.... 


-सीमा शर्मा "सृजिता"

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