यकीं है मुहब्बत में यूं चाहोगे

A love poetry

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 27 Dec, 2020 | 1 min read

यूं हमें चाहोगे........


तुम्हारी धड़कनें भी नाम लेंगी 

भीड़ में भी पहचान लेंगी

दूर होकर भी ना दूर हो पाओगे 

यकीं हैं मुहब्बत में यूं हमें चाहोगे |


आज तो कर रहे हो हम पर

 सितम 

पछताओगे इक दिन जी भर सनम 

याद आयेंगे तो छुपकर आंसू बहाओगे 

यकीं है मुहब्बत में यूं हमें चाहोगे |


तन्हाईयों को हमें तोहफे में देकर 

हमारे हर दर्द से बेखबर होकर 

बदले में तुम भी दर्द पाओगे 

यकीं है मुहब्बत में यूं हमें चाहोगे |


क्या हुआ जो आज नहीं नाम लबों पर

क्या हुआ जो पीना हमें जुदाई का जहर 

एक दिन चीखकर हमें ही बुलाओगे 

यकीं है मुहब्बत में यूं हमें चाहोगे |


-सीमा शर्मा "सृजिता"

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Seema sharma Srijita

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