आज भी रखा है मैंने
तुम्हारा दिया वो पहला गुलाब
जिससे जुड़े हैं अनगिनत भाव
डायरी के पन्नों के बीच
आज भी रखा है संभाले
सूख गई है पंखुड़िया
लेकिन महक रही है सुगन्ध
उस गुलाब में तुम्हारे प्यार की
उस पहले एहसास की ....
आज भी कभी खोलती हूं
डायरी के वो चन्द पन्ने
तो मुस्करा जाती हूँ और
याद आती है तुमसे
जुडी़ वो हर बात
वो पहली मुलाकात
वो प्यारा अहसास
मुझे तलाशती वो निगाहें
मुझे देखकर आई चेहरे पर
वो प्यारी सी मुस्कान
और तुम.....
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह
Thank you
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