खाने को घर में अन्न नहीं अब खत्म हुआ सामान
बैठा है मजदूर बेचारा कल कैसे होगा जलपान |
चिन्ता के भाव हैं चेहरे पर है बहुत परेशान
मुश्किल में लग रही नन्ही बिटिया की मुस्कान ||
गाती थी, मुस्कराती थी जब लौटूं करके काम धाम
फूंस की नन्ही गुड़िया से जिसकी खिल जाती मुस्कान |
कैसे देख पाऊंगा उसकी क्षुधा न शान्त कर पाउंगा
जिसके आंसू देख नहीं पाता कैसे उसे रूलाउंगा ||
सोच के बिटिया के बारे में बाबा है बहुत परेशान
बिटिया रानी के चेहरे पर मुश्किल में मुस्कान |
देख प्यारी सी मुस्कान मजदूर है बडा़ हैरान
मुश्किल भी लग रही अब उसको बडी़ आसान ||
वो मान गया , पहचान गया , लड़ना है अब आसान
जीवन की हर मुश्किल से जूझने का यही समाधान |
अपनों का हो साथ अगर और मन में हो ये भान
हर परिस्थिति हर मुश्किल में रखो चेहरे पर मुस्कान ||
इससे बडा़ कोई अस्त्र नहीं, इससे बडा़ कोई शस्त्र नहीं
सहनशील और धैर्यवान व्यक्ति की यही है पहचान |
कितनी भी विकट हो परिस्थिति यही लो मन में ठान
साथ हमेशा रखना तुम हर मुश्किल में मुस्कान ||
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