चाहतों का सनम कैसा दस्तूर है |
पास होकर भी तु कितना दूर है ||
है इश्क़े -जुनून हद से ज्यादा, मगर |
मैं भी मजबूर हूं तु भी मजबूर है ||
धड़कनों पे हुआ तेरा पहरा सनम |
प्यार में तेरे ये दिल बडा़ मगरूर है ||
निगाहें तरसती तेरी एक झलक को |
तेरी चाहत का छाया यूं सुरूर है ||
जुदाई का आलम सहा अब न जाये |
तेरी आशिकी में दिल हुआ यूं चूर है ||
मुझे है इश्क तुझसे हमेशा रहेगा |
तु है मिरा दिल को ये गुरूर है ||
बडी़ मशक्कत से तराशा जो 'सीमा'
मिरा जानेवफा, तु वो कोहिनूर है ||
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