नारी

नारी मन के भाव

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 21 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Nari



बहती मैं अविरल धारा सी 

चमकती चांद सितारा सी 

मैं प्रेम की पिटारी हूं 

हां मैं नारी हूं ....


रूकना मुझे आता नहीं 

डरना मुझे भाता नहीं 

मैं शक्ति की चिंगारी हूं 

हां मैं नारी हूं ....


त्याग और सहनशीलता 

ये दोनों मेरे हथियार 

मैं न हारूगीं ,न हारी हूं

हां मैं नारी हूं ....


तुम समझ लो मुझको एक बार 

पालो मुझे और मेरा प्यार 

मैं प्रेम की पुजारी हूं 

हां मैं नारी हूं .....


दृढ़ संकल्प और मर्यादा 

मैंने ही तो इनको साधा 

बहन बेटी और महतारी हूं 

हां मैं नारी हूं .....


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Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

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