मैं हवा बन जाऊं

Love poetry

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 25 Jan, 2021 | 1 min read
1000poems

चन्द लम्हों के लिए मैं हवा बन जाऊं |

फिर से छूकर उसे महसूस कर पाऊं ||


यूं तो दिल धड़कता नाम सुन सनम का |

नजदीक जाकर मैं उसको भी सुनाऊं ||


महसूस कर सके वो दर्द-ए-दिल मिरा |

अनकही बातें दिल की उसको बताऊं ||


हाथों को उसके जब हाथ में थाम लूं मैं |

हौले- हौले से अपनी पलकें छलकाऊं ||


आंखों में अश्क तो उसके भी होगें जरूर |

पहले की तरह आज फिर पौंछ आऊं ||


रूह में इश्क आज भी महकता है उसका |

एक बार फिर से मैं उसको कह पाऊं ||


लिखे हैं गीत गजल उसकी मौहब्बत में 

वो सुने "सृजिता " और मैं गुनगुनाऊं ||


सीमा शर्मा "सृजिता"

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Seema sharma Srijita

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