आज मिला उसको आराम

हर नारी की कहानी

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 23 Jan, 2021 | 1 min read
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उम्रभर वो रही तरसती

दो पल को आराम मिले

सुकुन भरे सबेरे आयें

सुकुन भरी फिर शाम मिले

जिम्मेदारियों में उलझी रही वो

घर आंगन में सिमटी रही वो

तोड़कर हर ख्याब अपना

अपनों के सपने बुनती रही

राहों में जो कांटे आये

खुश होकर वो चुनती रही

यही रही उम्मीद हमेशा

जल्द मिलेगा अब आराम

खुशियों वाले पल आयेगें

रौनकें होंगी तमाम

पंछी बडे़ हुये जब उसके

उड़े घोंसला रह गया खाली

फूल चुरा ले गया कोई

तन्हा जैसा रह गया माली

साथी ने भी वादा तोडा़

बीच सफर में लाकर छोडा़

रही अकेली वर्षों तक वो

चूल्हे चौके में उलझी

बनी जिंदगी ऐसी पहेली

कोशिश की पर ना सुलझी

पूरे दिन बस कहती रहती

अब तो सुन लो मेरी राम

थक गई हूं अब बहुत

अब देदो थोडा़ आराम

एक दिन सोई चिरनिद्रा में

सुबह उठी ना जागी शाम

कैसे उठती अरसे बाद

आज मिला उसको आराम |

-सीमा शर्मा "सृजिता"

#नारी #मनकेभाव

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Seema sharma Srijita

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