कुछ तो है...

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Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 01 Feb, 2021 | 1 min read
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कुछ तो है 

जब टूटकर बिखरती हूं 

अपनों की बेरूखी से 

तो समेट लेता है मुझको 


कुछ तो है 

जो पहचान लेता है 

मेरी आँखों की उदासी 

और मुस्कराना सिखाता है 


कुछ तो है 

जो दुख की गहन अग्नि 

में जल रहे मन को 

शीतल ठंडी सुख की छांव देता है 


कुछ तो है 

जो मेरे हर जज्बात 

हर अनभिज्ञ बात को 

समझकर मेरा साथ देता है 


कुछ तो है उसके दिल में 

वो कहता नहीं 

मगर मुझे महसूस होता है..... 


-सीमा शर्मा "सृजिता"

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Seema sharma Srijita

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