क्यों कर बैठे बैर सनम....

Love poetry

Originally published in hi
Reactions 0
503
Seema sharma Srijita
Seema sharma Srijita 01 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Love



इश्क की राहों में चलकर क्यों कर बैठे बैर सनम |

कहते थे अपना हमें फिर क्यों कर बैठे गैर सनम ||


जाना था जब साथ हमको मंजिल थी जब एक ही 

छोड़कर मंझधार में क्यों पार गये तुम तैर सनम ||


इश्क की कर ली इबादत मानकर तुमको खुदा |

नहीं पता था इश्क हमारा तुम समझे थे सैर सनम ||


भूल गये तुम जब भी सुनी आने की हमने खबर |

कैसे दीवाने पागल से होकर भागे नंगे पैर सनम ||


डूब गये जब तेरी मौहब्बत के समन्दर में हम

बच न सकेगें 'सृजिता 'अब न हमारी खैर सनम ||

0 likes

Published By

Seema sharma Srijita

seemasharmapathak

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.