मजदूर का दर्द

मजदूर का दर्द

Originally published in hi
Reactions 0
909
Satyam pandey
Satyam pandey 18 May, 2020 | 0 mins read

लगातार लाकडाउन बढ़ने के कारण मजदूरों की स्थिति दिनोंदिन चिंताजनक होती जा रही है। वहीं दूसरी और मजदूर एक वक्त की रोटी के लिए तरस गए। एक राष्ट्र के नाते बड़ा चिंताजनक स्थिति हम सबके सामने है।

प्रत्येक मजदूर का दर्द राष्ट्र का दर्द है । हमें मजदूरों के हितों के बारे में सोचना होगा। हमें गरीबों के हितों के बारे में सोचना होगा तभी यह राष्ट्र विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है।

मजदूर हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे यह बड़ा दुखदाई दृश्य है। सरकारों को , जनप्रतिनिधियों को मजदूरों के हित के लिए ठोस कदम जल्द से जल्द उठाने होंगे। मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकारों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध करानी होंगी । जो मजदूर अपने घरों के लिए पैदल निकल गए हैं उनकी भी सरकारों को सुध करनी होगी और उनके लिए भी व्यवस्थाएं करनी होंगी ।

यह पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी संकट की घड़ी है पर प्रत्येक सामर्थ्य वान व्यक्तियों को , सामाजिक संस्थाओं को और सरकारों को गरीब मजदूर के हितों के लिए कंधे से कंधा मिलाकर एकजुटता के साथ कार्य करना होगा।

तभी हम गरीबों की मजदूरों के दुखों को दूर कर पाएंगे।

राष्ट्र की प्रगति का रास्ता प्रत्येक गरीब किसान मजदूर के घरों से होकर जाता है।

जब मजदूर प्रगति करेगा , गरीब प्रगति करेगा तभी राष्ट्र की प्रगति होगी ।

जय हिंद

0 likes

Published By

Satyam pandey

satyamvpiw5

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.