Sarita Chawla
31 Jan, 2023
ज़िंदगी का हिसाब
ज़िंदगी है मेरी इक किताब ,
खुलता है रोज़ इसका इक पन्ना ,
इन पन्नो का हिसाब क़िस्मत से कौन पूछेगा ?
जो लम्हे रह गये पन्नो से चिपके ही ,
उन्हें न जी पाने का हिसाब ,
ज़िंदगी से कौन पूछेगा ?
Paperwiff
by saritachawla
31 Jan, 2023
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