Sarita Chawla
Sarita Chawla 21 Jul, 2024
चादर ज़िंदगी की
सुख दुख के तारों से बुनी हुई है ज़िंदगी, स्नेह के मीठे धागों से गुँथी हुई है ज़िंदगी, बिखरने लगे जब भी रिश्ता कोई , तो क्षमा के मज़बूत धागों से सी लेना उधड़ती हुई ज़िंदगी

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by saritachawla

21 Jul, 2024

टॉपिक फ्री कंटेस्ट १९

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