Sarita Chawla
28 Jun, 2023
मेरे ख़्वाब
मस्त मगन हो अपनी ही धुन में ,
झूमना चाहती हूँ ,
काट कर सभी बेड़ियाँ उन्मुक्त हो ,
गगन में उड़ना चाहती हूँ ,
बिखरी हुई ज़िंदगी से ढेरों ख़ुशियाँ ,
बटोरना चाहती हूँ,
छू कर आसमान को मैं भी अपनी ,
पहचान बनाना चाहती हूँ ।
Paperwiff
by saritachawla
28 Jun, 2023
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