बीबी और वो।

कहानी मेरे गुज़रे कल ओर आज की।

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sandeep balmik
sandeep balmik 18 Jul, 2021 | 1 min read


रोज़ की तरह ही आज भी मैंने काम खत्म किया और खाना खाकर अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। रात काफी हो चुकी थी घर के सारे लोग सो चुके थे। लाइट बन्द करके मोबाइल को बाजू में रखा और आंख बंद की ही थी कि मोबाइल पे लगातार 2 मैसेज आये। मैंने सोचा कि सुबह देखेंगे लेकिन मन कहा मानता है जबतक देख न लो की किसका मैसेज है। जैसे ही मोबाइल उठाया तो देखा कि रागिनी का मैसेज था। एक दम से जैसे मेरा गुज़रा हुआ कल मेरी आँखों के सामने चलने लगा हो ऐसा लगा। गुज़रे कल सैकड़ों यादें मेरे सामने आकर रुक गई हो।हालांकि मैंने अभी मैसेज पढ़े नही थे पर मन मे इतने ख्याल तेज़ रफ़्तार से दौड़ने लगे मानो पूरी रात भागते रहेंगे पर रुकेंगे नही। 4 साल हो चुके थे हमे अलग हुए ओर इस दौरान कभी रागिनी ने ना तो फ़ोन किया नाही कभी उसका कोई मैसेज आया । फिर आज ऐसा क्या हुआ जो इसकी जरूरत पड़ गई । ये सारे ख्यालो के साथ मैं पूरे कमरे के चक्कर लगा रहा था हाथ कांप रहे थे लेकिन मैसेज खोल नही पा रहा था। फिर एक आवाज़ आई क्या हुआ इतने परेशान क्यों हो तबियत तो ठीक है ना। मेरी बीवी सलोनी की आवाज़ थी वो कब जागी मुझे पता नही चला। उसको मेरे पुराने रिश्ते के वारे में सब पता था तो मैंने देर ना करते हुए उसे बता दिया की क्या बात है। अरे तो मैसेज पढ़ो तो की क्या बोल रही है पहले ही परेशान घूम रहे हो जैसे उसने शादी के लिए पूछ लिया हो, मज़ाक करते हुए वो बोली, लाओ मैं पढ़ती हूं ऐसा कहकर उसने मोबाइल मुझसे ले लिया। मैसेज पढ़के उसने मुझे गुस्से से देखा , क्या लिखा है बताओ तो मैंने पूछा। लो खुद ही पढलो , ऐसा कहकर उसने फ़ोन दे दिया । 2 मैसेज थे जिसमें से एक समझ नही आया क्योंकि कुछ अलग भाषा लिखी थी और दूसरे मैसेज में लिखा था सॉरी वो मेरी बेटी मोबाइल से खेल रही थी तो उसने तुम्हे मैसेज कर दिया गलती से। मेरी बीवी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और मोबाइल लेकर उसको रिप्लाई किया कोई बात नही बेटी को हमारा प्यार देना। 

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