एक लड़की थी नादान
सब मुश्किलों से अंजान।
लिखना पढ़ना ,खेलना कूदना
बस यही था उसका जीना।
लड़की को पूरा करना था मां का सपना
चाहे कोई साथ हो या न हो कोई अपना।
मां की चाहत थी बनाना है डॉक्टर
लड़की ने खुशी से काट लिया पूरा सफर।
मां ने उसके लिए लड़का पसंद किया
एक अंजान रिश्तों में उसको बांध दिया।
लड़की के जीवन में अंधेरा सा छा गया
दहेज की प्रथा ने सब को खा गया।
दहेज के दम पे बजाई शहनाई
हर रोज मांगे बढ़ती ही गई।
लड़की के घरवाले ,मजबूरी के मारे
कुछ को किया पूरे,कुछ रह गए अधूरे।
TO BE CONTINUED ...........................
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