ओ शांत है ओ अद्भुत है

ओ शांत है जो अद्भुत है

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Sana kousar
Sana kousar 12 Apr, 2022 | 0 mins read

सूझ बुझ जहां है वहां शांतता है

जिंदगी से जो संतुष्ट नही फिर भी

जो शांत है ओ अद्भुत है।

अंदर मचल रहा है खलबली फिर भी

जो शांत है ओ अद्भुत है।

शरीर पर दाग नहीं पर घाव से डूबा है फिर भी

जो शांत है ओ अद्भुत है।

उसके चारों ओर उजाला है जिसके

अंदर सिर्फ अंधेरा छाया है फिर भी

जो शांत है ओ अद्भुत है।

उसका सुननेवाला है पर समझनेवाला कोई नही

इसीलिए ओ शांत है।

ओ शांत है ओ अद्भुत है।

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Sana kousar

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