मैं अब कुछ नहीं चाहता

मैं अब कुछ नहीं चाहता

Originally published in hi
❤️ 1
💬 2
👁 860
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 28 Jul, 2021 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength

कमजोर तो नहीं हूँ, बस अब और लड़ना नहीं चाहता,

थका भी नहीं हूँ अब तक मगर अब चलना नहीं चाहता,


अपने सभी ख़्वाबों से, ख़ुद ही दूरियाँ बढ़ाने में लगा हूँ मैं,

क़रीब है हर मंज़िल मगर अब मैं कहीं पहुँचना नहीं चाहता,


आँधियों से भी बिना क़दम लड़खड़ाए लड़ पड़ता था मैं कभी,

सबल तो मैं उतना आज भी हूँ मगर अब सँभलना नहीं चाहता,


चुभने लगी हैं मेरे अपनों को शायद आजकल कामयाबियाँ मेरी,

किसी का दिल जलाकर, मैं अपना घर रौशन करना नहीं चाहता,


बार-बार ख़ुद को सही साबित करके थक चूका है “साकेत" भी,

गलत तो आज भी नहीं मगर अब मैं कोई बहस करना नहीं चाहता।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

1 likes

Support Saket Ranjan Shukla

Please login to support the author.

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.