वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

Originally published in hi
Reactions 0
36
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 03 Feb, 2025 | 1 min read
#काव्यSaga #बोलतीकविताओंकासंग्रह #my_pen_my_strength


अज्ञानता हर कर मेरी, मुझे तू आत्मज्ञान से भर दे,

वर दे हे माँ शारदे, मुझ अबोध को सुविद्या का वर दे,

दे दे स्थान निज बालक को अपनी करुणामयी गोद में,

आशीष का कर कमल तू अपना, मस्तक पर मेरे धर दे,


ये मृत्युलोक हे माता, माया ग्रसित अंधकारलीन नगरी है,

हर ओर पलता है कपट, हर दूजे के कंधे पाखंड की गठरी है,

क्रोध, लोभ और अहंकार आदि दुर्व्यवहारों से अंतर्मन त्रस्त है,

ऐसे में तेरे मार्गदर्शन के सहारे ही हे माँ, बनती सबकी बिगड़ी है,


परंतु कभी-कभी, कठिनाइयों से पस्त होकर लड़खड़ाने लगता हूँ

स्वयं से हो संतप्त, स्वयं को कई कठिनाइयों में उलझाने लगता हूँ,

करने जाता हूँ कुछ भला और जब होने सब कुछ ही गलत लगता है,

तब हे माँ हंसवाहिनी! तुझे स्मरण करते ही सुमार्ग पर आने लगता हूँ,


हर लेती है सारी चिंताएं और मुझमें साहस सहित विवेक भर देती है,

अपने शरणार्थियों की हे माता तू सारे मानसिक तनाव भी हर लेती है,

सुबुद्धि और आत्मज्ञान के संग सहजता और विनम्रता का भी वर दे माँ,

जगव्याप्त है तेरी महिमा माँ कि तू निज बालकों को मनचाहा वर देती है,


मंत्रोच्चारण का भान नहीं, जो कुछ आता है श्रद्धावश सम्मुख तेरे गाता हूँ,

भजन कीर्तन का भी तो ज्ञान नहीं, मन ही मन तेरी अनुकंपा गुनगुनाता हूँ,

करना क्षमा, हे विद्यादायिनी माँ, मैं भी मूढ़ अल्पज्ञानी बालक हूँ तुम्हारा ही,

रखना बनाए कृपादृष्टि अपनी, हे माँ सरस्वती, करबद्ध शीष तुझे नवाता हूँ।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

IG :— @my_pen_my_strength

0 likes

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.